हालाँकि, सर्वेक्षणों के हिसाब से विदेश मंत्री लिज़ ट्रस का पलड़ा भारी बताया जा रहा है. मौजूदा प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के जुलाई में इस्तीफ़े के एलान के बाद से पार्टी के नेता पद की रेस में लिज़ ट्रस ने पार्टी सदस्यों में लगातार अपनी बढ़त बरक़रार रखी है.
ब्रिटेन में पार्टियों की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार का निर्णय उसके सदस्यों के वोट से होता है जो ब्रिटेन की आबादी के एक फ़ीसदी से भी कम हैं.
विजेता का चुनाव कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य करते हैं. वे जिस उम्मीदवार को चुनेंगे, वे संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ की बहुमत वाली पार्टी के नेता के रूप में अपने आप ही प्रधानमंत्री बन जाएंगे.
अपनी पार्टी के सदस्यों का समर्थन हासिल करने के लिए सुनक और ट्रस ने कई कार्यक्रमों में भाग लिया. इन कार्यक्रमों में इन दोनों ही उम्मीदवारों से उनकी नीतियों के बारे में सवाल किए गए.
इन कार्यक्रमों में कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों ने भाग लिया और इसका प्रसारण पार्टी की वेबसाइट के ज़रिए किया गया. पार्टी के सदस्यों के अलावा इसमें पत्रकारों को भी भाग लेने की अनुमति दी गई. हालांकि वे सवाल नहीं पूछ सकते थे.
कैसे हुआ मतदान?
पार्टी के सदस्य शुक्रवार 2 सितंबर तक मतदान कर सकते थे. वोट डालने के लिए कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों को 3 जून, 2022 या उससे पहले इस पार्टी में शामिल होना था.
मतदान के योग्य सभी सदस्य डाक द्वारा या ऑनलाइन अपना मत डाल सकते थे.
वैसे पहले योजना बनाई गई थी कि पार्टी का कोई सदस्य दो बार वोट डाल सकता था. हालांकि दूसरी बार डाले गए वोट ही गिने जाते.
हालांकि देश की ख़ुफ़िया और सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार संस्था गवर्नमेंट कम्युनिकेशंस हेडक्वार्टर यानी जीसीएचक्यू के तहत काम करने वाले नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर यानी एनसीएससी ने चेतावनी दी कि इस प्रक्रिया में कोई अन्य देश दख़ल दे सकता है.
इस चेतावनी के बाद कंजरवेटिव पार्टी ने अपने सदस्यों को केवल एक बार वोट डालने की अनुमति देने का निर्णय लिया.
हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका कि कंजरवेटिव पार्टी के कुल कितने सदस्य हैं. वैसे भी किसी राजनीतिक दल को सटीक संख्या देने की ज़रूरत भी नहीं होती.
वैसे 2019 के पार्टी नेता के चुनाव में लगभग 1.6 लाख लोग वोट डालने के योग्य थे. कंजरवेटिव पार्टी का कहना है कि तब से यह संख्या बढ़ी है.
कब पता चलेगा कि कौन होगा नया पीएम?
पार्टी के नए नेता का एलान 1922 कंजरवेटिव बैकबेंच सांसदों की समिति के अध्यक्ष सर ग्राहम ब्रैडी करेंगे. यह एलान सोमवार 5 सितंबर को स्थानीय समय के अनुसार 12.30 बजे किया जाएगा. भारत में तब शाम के 5 बज रहे होंगे.
उम्मीद है कि मौजूदा पीएम बोरिस जॉनसन इस एलान के अगले दिन अपना इस्तीफ़ा महारानी को सौंप देंगे. उसके बाद महारानी उनके उत्तराधिकारी को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त कर देंगी.
क्या बोरिस जॉनसन अभी भी पीएम हैं?
संवैधानिक रूप से देश का हमेशा एक प्रधानमंत्री होना चाहिए. इसलिए अपने उत्तराधिकारी के पद संभालने तक बोरिस जॉनसन अपने पद पर बने रहेंगे.
सत्ताधारी दल की सलाह पर इसके नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करने के लिए आम तौर पर उन्हें बकिंघम पैलेस में बुलाया जाता है.
हालांकि, परंपरा से इतर महारानी अभी बाल्मोरल में हैं. ऐसे में नए प्रधानमंत्री और बोरिस जॉनसन दोनों उनसे मिलने स्कॉटलैंड जाएंगे.