अब धीरे-धीरे पाकिस्तान में बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुँचनी शुरू हो गई है.
लेकिन अब भी भयंकर बाढ़ के कारण विस्थापित लाखों लोगों तक मदद नहीं पहुँच पा रही है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री हिना रब्बानी ख़ार ने देश में बाढ़ को ‘प्रलय जैसा संकट’ बताया है.
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के बेहद ग़रीब लोग न के बराबर कार्बन उत्सर्जन करते हैं लेकिन जलवायु परिवर्तन की सबसे बड़ी मार उन्हें ही पड़ रही है.”
पाकिस्तान का एक तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ है. बाढ़ में अब तक कम से कम एक हज़ार लोग मारे जा चुके हैं. एक अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान को बाढ़ से करीब 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है.
‘मैंने पानी से लाशें निकाली हैं’
बीबीसी ने पाकिस्तान में कुछ ऐसे लोगों से बात की है जिन्होंने अपना सबकुछ गंवा दिया है.
अब इन लोगों को किसी भी तरह की मदद का इंतज़ार है.
मोहम्मद अवेस तारिक़ कहते हैं, “मेरे यहाँ कई लोगों की मौत हुई है. मैं और मेरे साथियों ने बाढ़ के पानी से 15 से अधिक लाशें निकाली हैं.”
बीस वर्षीय मोहम्मद अवेस तारिक़ डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं और इस्लामाबाद से 490 किलोमीटर दूर तौंसा शरीफ़ नाम के क़स्बे में रहते हैं.
क़स्बे का अधिकतर हिस्सा जलमग्न है. इसी में शहर का कब्रिस्तान भी शामिल है.