बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अभी रहना पड़ेगा दिल्ली
बांग्लादेश में सरकार बनाने की तैयारी तेज , नोबेल विजेता यूनुस बनाए जा सकते हैं पीएम
उत्तराखंड हरिद्वार बुधवार 7 अगस्त 2024
बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के लंदन जाने की योजना कुछ अनिश्चितताओं के कारण अटक गई है | अगले कुछ दिन तक उनके भारत से बाहर जाने की संभावना नहीं है | प्रधानमंत्री शेख हसीना पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद सोमवार को गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस पर पहुंचे शेख हसीना को एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया और उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है |
सूत्रों ने बताया हसीना अपनी बहन रेहाना के साथ अस्थाई शरण के लिए भारत से लंदन जाने वाली थी , लेकिन अब वह अन्य विकल्पों पर विचार कर रही हैं क्योंकि ब्रिटेन सरकार ने संकेत दिया है कि उन्हें उनके देश में हिंसक प्रदर्शन के मध्य संभावित जांच के खिलाफ ब्रिटेन में कानूनी सुरक्षा नहीं मिल सकती | अवामी लीग के नेता हसीना ने भारत के रास्ते लंदन जाने की योजना बनाई थी और उनके सहयोगियों ने हिंडन पहुंचने से पहले भारतीय अधिकारियों को इस बारे में सूचित कर दिया था |
हसीना ने लंदन जाने का फैसला इसलिए किया क्योंकि रिहाना की बेटी ट्यूलिप सिद्दीकी ब्रिटिश संसद की सदस्य है | ट्यूलिप वित्त मंत्रालय में आर्थिक सचिव है और हेंप स्टेट और हाय गेट से लेबर पार्टी की सांसद हैं | ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लेमी ने सोमवार को लंदन में एक बयान में कहा बांग्लादेश ने पिछले कुछ हफ्तों में अ भूतपूर्व लेवल की हिंसा और जान माल की दुखद नुकसान देखा है और देश के लोग घटनाओं के संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में पूर्ण और स्वतंत्र जांच के हकदार हैं | सूत्रों ने बताया हसीना ने भारत को अपने संभावित भविष्य के कदमों के बारे में जानकारी दे दी है | यह भी पता चला है कि हसीना के परिवार के सदस्य फिनलैंड में भी हैं और इसीलिए उन्होंने उत्तरी यूरोपीय देश जाने पर भी विचार किया है | हसीना की यात्रा योजनाओं में कुछ अड़चन आ गई है और वह अगले कुछ दिनों तक भारत में ही रह सकती हैं | उन्होंने स्थिति को गतिशील भी बताया और कहा कि इस मामले में कोई निश्चित रास्ता या स्पष्ट ता नहीं है |
बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद मंगलवार को संसद भंग कर दी | संसद को भंग करने का निर्णय सशस्त्र बलों के तीनों प्रमुखों , विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं , नागरिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों और आंदोलनकारी छात्रों के नेताओं के साथ राष्ट्रपति की चर्चा के बाद लिया गया | BNP अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा कर दिया गया है | संसद को भंग करने के राष्ट्रपति के कदम ने देश में नए सदस्य चुनाव कराए जाने का रास्ता साफ कर दिया है |