ED के कामकाज के तरीके पर शीर्ष कोर्ट ने सवाल उठाए
5000 दर्ज मामलों में से सिर्फ 40 में सजा
उत्तराखंड हरिद्वार गुरुवार 8 अगस्त 2024
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को धन शोधन मामलों की जांच करने वाले प्रवर्तन निदेशालय ( ED Enforcement Directorate ) के कामकाज के तरीकों पर सवाल उठाया | कहां की केंद्रीय जांच एजेंसी को अपने मुकदमों के अभियोजन की गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है | यह गंभीर चिंता का विषय है कि पिछले 10 वर्षों में प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन के अपराध में 5000 मामले दर्ज किया जबकि सजा सिर्फ 40 में हो पाई है |
जस्टिस सूर्यकांत , जस्टिस दीपंकर दत्ता , और जस्टिस उज्जवल भैया की पीठ ने छत्तीसगढ़ के कारोबारी सुनील कुमार अग्रवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की | अग्रवाल को ED ने कोयला परिवहन से जुड़े धन शोधन के मामले में गिरफ्तार किया था | पीठ ने अग्रवाल को 17 May को दी गई अंतरिम जमानत की पुष्टि करते हुए उन्हें नियमित जमानत दे दी | जस्टिस उज्जवल भैया ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामलों में कम सजा पर चिंता जताई | उन्होंने 6 अगस्त को लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के बयान का हवाला दिया इसमें कहा गया था कि पिछले 10 सालों में पीएमएलए के तहत 5000 से अधिक मामले दर्ज हुए और सिर्फ 40 में आरोपियों को दोषी ठहराया जा सका | अदालत के सवालों पर ED की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल SV Raju ने जवाब दिया |