बांग्लादेश से जान बचाकर भारत पहुंचे डॉक्टर दुलाल मंडल
बाइक से सीमा तक पहुंच कर बचाई जान
उत्तराखंड हरिद्वार शुक्रवार 16 अगस्त 2024
बांग्लादेश से जान बचाकर दिनेशपुर पहुंचे डॉक्टर दुलाल मंडल ने आप बीती सुनाई | उन्होंने बताया की बांग्लादेश में महीने भर से ज्यादा समय से प्रदर्शन चल रहे थे | प्रदर्शन करने वालों के निशाने पर सरकार के साथ ही आवामी लीग के कार्यकर्ता भी थे | मैं भी लंबे समय से आवामी लीग से जुड़ा था इसलिए खतरा मुझ पर भी था | खबरें आ रही थी कि प्रदर्शनकारी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं को सीधा निशाना बना रहे हैं इसलिए मेरे परिवार ने मुझ पर भारत जाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया | 3 अगस्त की रात बांग्लादेश के खुलने जिले में भी जमकर अराजकता शुरू हो गई | मेरा गृह क्षेत्र कोइरा भी अब अराजकता की आग से अछूता नहीं था | 4 अगस्त में रातों-रात मेरे बेटे प्रशांत ने मुझे बाइक से भारतीय सीमा के पास बशीरहाट तक छोड़ा | पूरी रात बाइक पर सफर करके हम सुबह भारतीय सीमा के पास पहुंचे तब से आज तक रात को नींद नहीं आई है | यह कहना है बांग्लादेश की हिंसा से बचकर उत्तराखंड के रुद्रपुर के पास दिनेशपुर में अपने रिश्तेदारों के पास पहुंचे डॉक्टर दुलाल मंडल का |
79 साल के एक चिकित्सक दुलाल मंडल बांग्लादेश में शानदार जिंदगी जी रहे थे | उनकी पत्नी दो बेटे और बहुएं अभी बांग्लादेश में रह रही हैं | 2 दिन पहले ही पश्चिम बंगाल के रास्ते दिनेशपुर पहुंचे दुलाल बताते हैं पाकिस्तान से अलग होने के बाद यह पहला मौका है जब वह अपने परिवार और देश को लेकर चिंतित हैं | जान बचाने के लिए जंगलों से भारत आए |
डॉक्टर दुलाल मंडल ने बताया मेरा बेटा जब मुझे छोड़ने रात में सीमा तक आ रहा था तब भी प्रदर्शन करने वालों ने कई जगह रोक | ऐसे में हमें डॉक्टरी का सामान दिखाकर जान छुड़ाने पड़ी | उपचार के बहाने सीमा तक पहुंचे |
डॉक्टर दुलाल बचकर यहां आ गए हैं लेकिन उन्हें परिवार की चिंता सता रही है | उन्होंने फोन पर अपने परिवार से बात की तो उनकी पत्नी ने बताया कि वह सुरक्षित हैं | दोनों बेटे छुप कर दिन काट रहे हैं |