उत्तराखंड हरिद्वार बृहस्पतिवार विक्रम संवत 2081 प्रतिपदा
आज 3 अक्टूबर 2024 को शारदीय नवरात्र व्रत का प्रथम दिन है | इसकी प्रथम आराध्य देवी माता शैलपुत्री हैं | सती , पार्वती , दुर्गा , उमा , अपर्णा , गौरी , महेश्वरी , शिवांगी , शुभांगी , पर्वत वासिनी इनके अनेक नाम है | पूर्व जन्म में उनके पिता राजा दक्ष ने यज्ञ किया परंतु अपने दामाद शिव को निमंत्रित नहीं किया | सती भगवान शंकर की स्वीकृति के बिना पिता के यहां चली गई | यज्ञ स्थल पर अपने तिरस्कार एवं शिव का आसन न देखकर कुपित सती यज्ञ अग्नि में कूद पड़ी | शिव की समाधि भंग होने पर उन्होंने वीरभद्र नमक गण को यज्ञ स्थल पर भेजा तो वीरभद्र ने यज्ञशाला का विध्वंस किया और सती के जलते शरीर को लेकर चल पड़ा | सती के अंग जहां-जहां गिरे वहां शक्तिपीठ स्थापित हो गए | सती का अगला जन्म शैल राज की पुत्री पार्वती के रूप में हुआ | घोर तपस्या के बाद शिव ने उनको अपनाया | पर्वतराज की पुत्री होने के कारण माता के प्रथम रूप का नाम शैलपुत्री पड़ा |
आज के दिन देवी के उपासक घट स्थापना , अखंड ज्योति प्रज्वलित कर प्रथम चरित्र का पाठ कर मंगल फल प्राप्त करते हैं |
Report : Amit Kulshrestha