असम के चराई देव के मैदान मैदान यूनेस्को विश्व धरोहर सूची का हिस्सा
उत्तराखंड हरिद्वार : असम के चेराई देव के मैदान अब से यूनेस्को विश्व धरोहर सूची का हिस्सा है | इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री डॉक्टर हेमंत विश्व शर्मा ने इस स्थल को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के लिए विश्व धरो धरोहर समिति का विशेष आभार व्यक्त किया है | उन्होंने कहा मैदान असम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है जो अद्वितीय वास्तुकला धार्मिक महत्व और बेहतर निर्माण के लिए जानी जाती है | पूर्वोत्तर भारत से मान्यता प्राप्त पहले सांस्कृतिक विरासत स्थल है |
यह स्थान पूर्वी असम में पाठ कई पर्वतमाला की तलहटी में स्थित इस स्थल में ताई अहोम का शाही समाधि स्थल है | 600 वर्षों तक ताई अहोम ने पहाड़ियों जंगलों और पानी की प्राकृतिक स्थलाकृति को उभरने के लिए मैडम ( स्तूप समाधि ) बनाए जिससे एक पवित्र भूगोल का निर्माण हुआ |
असम के शिवसागर जिले से लगभग 30 किलोमीटर दूर चराई देव के मैदान स्थित है जो अहोम की पहली राजधानी है जिसे 1253 में प्रथम Ahom राजा Chao Lung Seukafa ने स्थापित किया था | यहां Ahom के राज परिवार की समाधि है जिन्हें चराई देव मैदान कहा जाता है | यहां 90 से ज्यादा शाही समाधि हैं जिन्हें असम के पिरामिड भी कहा जाता है |