ओलंपिक पदक के लिए कोच ने छोड़ी बेटे की शादी
उत्तराखंड हरिद्वार बुधवार 24 जुलाई 2024
पेरिस ओलंपिक में देश के मुक्केबाजों को पदक दिलाने के लिए भारतीय मुक्केबाजी टीम के कोच और अपने समय के नामी मुक्केबाज अर्जुन अवार्ड विजेता धर्मेंद्र यादव ने अपने बेटे की शादी छोड़ दी |
बुलंदशहर के रहने वाले धर्मेंद्र के सामने बीते सप्ताह बड़ा धर्म संकट खड़ा हो गया जब उनको बेटे की शादी या जर्मनी में भारतीय मुक्केबाजी टीम की तैयारी में से एक को सेलेक्ट करना था | यह उलझन सिर्फ शादी तक सीमित नहीं थी बल्कि उनकी मां की तबीयत भी अचानक बिगड़ गई थी | उन्हें आईसीयू में दाखिल करना पड़ा था | मां के कहने पर ही पोते की शादी आनंद-पणन में करने पड़ रही थी | ओलंपिक से ठीक पहले धर्मेंद्र का तैयारी छोड़ना ठीक नहीं था | उनकी पत्नी और बेटे ने कहा वह राष्ट्रीय कोच की भूमिका निभाई बाकी सब वह संभाल लेंगे |
धर्मेंद्र की पत्नी बताती हैं कि यह बेहद कठिन फैसला था जो हम सब ने मिलकर लिया | हम सबको लगाओ ओलंपिक से बड़ा कुछ भी नहीं है | उनकी वजह से टीम की तैयारी प्रभावित नहीं होनी चाहिए | असल में मां की तबीयत खराब नहीं होती तो बेटे की शादी अचानक नहीं करनी पड़ती | मां की इच्छा के लिए यह सब करना पड़ा | अब वह धीरे-धीरे ठीक हो रही है | जब वह पेरिस से लौटेंगे तो बेटे की शादी का एक समारोह आयोजित करेंगे | ओलंपिक में लवलीन , निकहत , प्रीति , जैस्मिन , अमित पंघाल , निशांत देव खेलने जा रहे हैं |
1990 के राष्ट्रमंडल खेलों में कहां से पदक जीतने वाले धर्मेंद्र ने शादी में नहीं आने का फैसला लिया | मैं मंगलवार को जर्मनी से टीम के साथ पेरिस के लिए रवाना हो गए | धर्मेंद्र शादी में नहीं थे लेकिन उनकी पत्नी मीनू ने हर रस्म में वीडियो कॉल के जरिए उनकी मौजूदगी बनाए रखी | जयमाला हो या अगवानी या फिर तिलक धर्मेंद्र वीडियो कॉल के जरिए मौजूद रहे | एक समय तो ऐसा भी आया जब लड़की पक्षी की ओर से पूछा गया कि पिता क्यों नहीं आए जब उन्हें सारी बात बताई गई तो उन्हें भी गर्व की अनुभूति हुई | धर्मेंद्र ने अपने पेशेवर मुक्केबाजी में छह बाउट खेल और सभी जीते |