आज लोकसभा में स्पीकर पद पर ओम बिरला को चुना गया विपक्ष के उम्मीदवार के सुरेश थे आई आपको दोनों सांसदों के बारे में बताते हैं
ओम बिरला राजस्थान के कोटा से तीन बार के सांसद तथा तीन बार विधायक भी रह चुके हैं भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं बतौर सांसद पहले कार्यकाल में 86 फ़ीसदी उपस्थिति के साथ 671 प्रश्न और 163 विषयों पर चर्चा की 2019 में दूसरी बार सांसद बनने पर लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया बिरला के कार्यकाल में नई संसद भवन का निर्माण हुआ है तीन आपराधिक कानून अनुच्छेद 370 को हटाने नागरिकता संशोधन अधिनियम समेत कई ऐतिहासिक कानून भी उनके कार्यकाल में पारित हुए हैं उन्होंने लोकसभा के 100 सांसदों के निलंबन व सांसद की सुरक्षा पर कुछ कड़े फैसले भी लिए
के सुरेश केरल से आठ बार के सांसद का पूरा नाम कोडी कुनिल सुरेश है 4 जून 1962 को तिरुवनंतपुरम मैं जन्मे 1989 में पहली बार लोकसभा के सांसद बने 1991 1996 और 1999 में भी वह लोकसभा में पहुंचे 1998 व 2004 में वह चुनाव हारे लेकिन 2009 में फिर से संसद पहुंचे 2009 में केरल हाई कोर्ट ने उनके चुनाव को अवैध घोषित कर दिया था क्योंकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी ने सुरेश को क्रिश्चियन बताते हुए उन पर अनुसूचित जाति से होने का फर्जी प्रमाण पत्र लगाने का आरोप लगाया था जिसे बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने बहस कर दिया था